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Hindimeyojna.in
एक हिंदी ब्लॉग साईट है जहाँ पर मै अपने पाठकों को नित्-नई जानकारियाँ देने का प्रयास करूँगा, यहाँ पर जो भी जानकारियां दी जाती हैं या भविष्य में दी जाएँगी उसको प्रकाशित करने से पहले उसके हर एक बिंदु पर ध्यान दिया जाता है, जिससे कि आप के पहुचने वाली हर जानकारी सही, सटीक और स्पष्ट हो.

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ये तो मेरे ब्लॉग में बारे में था, मै अपने बारे में भी बताना चाहुंगा कि मै कौन हूँ और क्यों एक ब्लॉगर बनने का निर्णय लिया-

मेरे बारे में-

मेरा नाम अवनीश है और मै उत्तर प्रदेश के एक छोटे से जिले का निवासी हूं, मुझे बचपन से ही Creative Work कुछ ज्यादा ही पसंद था, मैं काफी अच्छी चित्रकारी करता था और आज भी शौकिया तौर पर करता हूं, मुझे लिखने का भी काफी शौक है, जब भी जिस विषय पर कुछ अलग सा लिखने का मन करता, मैं तुरंत अपनी डायरी कलम लेकर बैठ जाता था।

मैं अपनी पढ़ाई के दौरान अपने क्लास में अध्यापक के पढ़ाने से पहले ही पढ़कर नोटबुक तैयार कर लेता था, जब अध्यापक पूछते कि तुम कैसे बैठे हो, तब मैं बताता की मैने इस चैप्टर को पहले ही पढ़ लिया है और नोटबुक में तैयार भी कर लिया है। कुछ अध्यापक शाबाशी देते लेकिन एक अध्यापक ने अपने सामने मुझसे क्लास में संस्कृत पढ़वाना शुरू कर दिया, मैं भी पीछे नहीं हटा और बकायदा संस्कृत को अध्यापक की तरह पढ़ाया, जिससे प्रसन्न होकर संस्कृत के अध्यापक ने अपनी Pen मुझे उपहार स्वरूप प्रदान की।

अपनी पढ़ाई के दौरान अपने विद्यालय के लिए सास्कृतिक कार्यक्रमों में बकायदा भाग भी लेता, जैसे चित्रकारी प्रतियोगिता, जिनमें मैं अपने दो दोस्तों के साथ सदैव तीसरे नंबर पर आता, जो पहले और दूसरे नंबर पर आते उनका नाम लल्लू और प्रदीप है, दोनो मुझे कही बेहतर चित्रकार हैं, दोनो अपने अपने कार्य क्षेत्रों में लगे हुए हैं।

अपनी पढ़ाई पूरी कर देश के कई हिस्सों में गया और वहां के अलग अलग प्राकृतिक, आर्थिक और सामाजिक महत्वों को काफी बारीकी से देखा, जिससे काफी बेहतर अनुभव हुआ, और वो अनुभव अब काम आता है। मैंने अपना ज्यादा समय देश की राजधानी में व्यतीत किया है।

इन सबके बाद रोजमर्रा की जरूरतों और परिवार की जिम्मेदारियों के निर्वहन के लिए मैंने नौकरी करनी शुरू कर दी, जैसा की मैने पहले बताया कि मेरे अंदर क्रिएटिविटी थी, तो वो मैं अपनी सेल्स की नौकरी में भी लगता था, मैने सेल्स सेक्टर में काफी लंबे समय तक काम किया है, जहां पर अनेक प्रकार के लोगों से मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ और उनसे काफी कुछ सीखने को मिला।

लेकिन कहते है न कि एक ही काम को करते करते आदमी थक सा जाता है फिर मैंने सेल्स की आखिरी नौकरी जो Havells में थी, कोरोना काल के दौरान त्यागपत्र दे दिया, और अपना खुद का बिजनेस करने का प्लान बनाया, लेकिन फिर वही जीवन में एक रसता की वजह से उसे भी बंद कर दिया।

तत्पश्चात मुझे आभास हुआ कि क्यों न मैं अपनी लेखन को दुबारा शुरू करू, जिससे मैं अपने अनुभव और अध्धयन से दूसरो के जीवन में थोड़ा सा ही सही रंग भर सकूं।

इसीके साथ मेरी ब्लॉग्गिंग कि नई यात्रा शुरू होती है। मुझे ये पूर्ण विश्वास है कि मै अपने पाठकों की उमीदों पर खरा उतरूंगा. ज्यादा न सही थोड़े उम्मीद की नई किरणों का सृजन तो कर सकूंगा।

इसी आशा के साथ आपका

अवनीश